हमारी अफवाह के धुए वही से उठते हैं,
जहां हमारे नाम से आग लग जाती है…!
जहां हमारे नाम से आग लग जाती है…!
लकीरों से बाहर पैर तभी आते हैं,
जब सपने जिद में बदल जाते हैं…!
जब सपने जिद में बदल जाते हैं…!
मोहब्बत हो या नफरत हम पूरा दिल,
लगा कर करते हैं…
लगा कर करते हैं…
जमाना वफादार नहीं तो क्या हुआ लाला,
धोखेबाज भी तो हमेशा अपने ही होते हैं…!
धोखेबाज भी तो हमेशा अपने ही होते हैं…!
चावल से कंकड़ और जीवन से संकट,
खुद ही निकालने पड़ते है…!
खुद ही निकालने पड़ते है…!
मत सोचों जिंदगी वोझ है,
खुश रहो क्योंकि समस्या तो रोज हैं..!
खुश रहो क्योंकि समस्या तो रोज हैं..!
दुश्मन और सिगरेट को जलाने के बाद,
कुचलने का मज़ा ही कुछ और है…!
कुचलने का मज़ा ही कुछ और है…!
उसका नाम तो नही लूंगी,
मगर संभाल कर रहना बदला जरूर लूंगी…!
मगर संभाल कर रहना बदला जरूर लूंगी…!
वहम निकाल देना तू अपने दिमाग से,
हम डरने वाले नही है किसी के बाप से..!
हम डरने वाले नही है किसी के बाप से..!
तुम खफा होने से पहले,
मेरी जिंदगी से जल्दी दफा हो जाना..!
मेरी जिंदगी से जल्दी दफा हो जाना..!
नजर नजर का फर्क है दोस्त,
किसी को जहर लगते है किसी को शहद…!
किसी को जहर लगते है किसी को शहद…!
उँगलियाँ वही लोग उठाते हैं,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती…!
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती…!
लहजे में अकड़ ज़रूर होगी,
लेकिन दिल में मक्कारी नहीं..!
लेकिन दिल में मक्कारी नहीं..!
शख्सियत ऐसी रखो क,
जो छोड़ जाए वो पछताए..!
जो छोड़ जाए वो पछताए..!
सुकून रखिए,
वक्त सबकी औकात दिखा देगा…!
वक्त सबकी औकात दिखा देगा…!
तुम जलन बरकरार रखना,
हम जलवे बरकरार रखेंगे…!
हम जलवे बरकरार रखेंगे…!
करने दो जो बकवास करते हैं
हमेशा खाली बर्तन ही आवाज करते हैं…!
हमेशा खाली बर्तन ही आवाज करते हैं…!
मुझे नफरत पसंद है,
लेकिन दिखावे का प्यार नहीं…!
लेकिन दिखावे का प्यार नहीं…!